पीड़ा के आँसू
मुझे नहीं पता कि तुम कैसे पहुंचे
इसने मुझे आपकी अनुपस्थिति पर प्रतिबिंबित किया
मेरे रूमाल में थूकना
सभी दुलार भाग गए
कला के काम में मैंने बनाया
मैंने निराशा का न्याय नहीं किया
चमकदार मार्ग से
बस वह मार्ग जो मुझे पसंद था।
दृष्टि में सब कुछ धुंधला हो गया
यहाँ तक कि मेरा दिल भी
वापसी के बिना प्रस्थान में चोट लगी
यह मेरा भ्रामक आकर्षण था
दर्द का बोझ उठाती है
यह कभी मोह नहीं था
आपके चेहरे पर आंसुओं के साथ
मैं तेरी व्यथा की राह पर रोया।